
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर बुलाई एक बड़ी राज्य स्तरीय बैठक, और बता दिया कि अब पार्टी सिर्फ चुनाव नहीं, चलन भी बदलेगी।
“संगठन का 80% काम पूरा हो गया है, बाकी 20% को भी जल्दी ही ‘Target Complete’ किया जाएगा।” – मायावती का ठोस ऐलान
अब बचे हुए कार्य 9 अक्टूबर को कांशीराम जी की पुण्यतिथि के बाद पूरे होंगे। और तब तक विरोधी दल “साम, दाम, दण्ड, भेद” का रिवीजन करते रहें!
लखनऊ में स्मारक पर स्मरण – “इस बार सिर्फ फोटो नहीं, प्रतिमा पर पुष्प!”
इस बार कांशीराम स्मारक स्थल पर लाइव श्रद्धांजलि होगी – जी हां, अब श्रद्धालु सिर्फ बाहर फोटो नहीं, अंदर की प्रतिमा पर फूल चढ़ाएंगे!
जीर्णोद्धार अब पूरा हो गया है, और मायावती खुद इस कार्यक्रम की कमान संभालेंगी।
“ये आयोजन सिर्फ श्रद्धा का नहीं, रणनीति का भी संदेश है।” – BSP सूत्र
पहली बार बड़े लेवल पर श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम + राजनीतिक रूपरेखा एक साथ, कुछ तो पक रहा है…
रणनीति के पीछे राजनीति: विरोधी परेशान, मायावती ने किया कटाक्ष
बैठक के दौरान मायावती ने साफ कर दिया कि विरोधी दल BSP को कमजोर करने के लिए “कोर्स बुक की सारी ट्रिक्स” आज़मा रहे हैं — साम, दाम, दण्ड, भेद और अब शायद WhatsApp यूनिवर्सिटी भी!
“हमारे समाज को संवैधानिक अधिकारों से दूर करने की कोशिश हो रही है।” “दलित, पिछड़े, मुस्लिम, आदिवासी — सब टारगेट पर हैं।”
मतलब, विरोधी पार्टीज़ ने BSP के GPS को जैम करने का ठेका ले लिया है। लेकिन… सर्वसमाज का नेटवर्क 5G पर है!
स्मारक स्थल या राजनीतिक pilgrimage?
लखनऊ के बहुजन स्मारक स्थल अब सिर्फ पर्यटक स्थल नहीं, बल्कि सियासी तीर्थ बन चुके हैं।
“जब लखनऊ में बसपा कार्यकर्ता आते हैं, तो स्मारक दर्शन के बिना वापसी अधूरी है।”
मान्यवर कांशीराम, बाबा साहेब, शाहूजी महाराज, श्रीनारायण गुरु — सबकी स्मृति में बने ये स्थल अब भीम चेतना के केंद्र हैं।
ट्रंप टैरिफ से ‘टेंशन टैरिफ’ – मायावती की आर्थिक चेतावनी
मायावती ने इंटरनेशनल लेवल पर भी फीडबैक दिया। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% ट्रंप टैरिफ को लेकर उन्होंने BJP की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाए:
“गरीबी, बेरोजगारी और पलायन को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार चेत जाए, वरना देश की वैश्विक साख खतरे में पड़ सकती है।”
Translation: “Made in India नारे से पहले, रोजगार in India ज़रूरी है!”
“BSP का नया ट्रैक – संगठन + स्मारक + संघर्ष!”
-
संगठन हुआ मजबूत
-
कांशीराम स्मारक बना सेंटर ऑफ अट्रैक्शन
-
विरोधियों की साजिश का रिवील
-
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर राय
मायावती ने एक बार फिर दिखा दिया है कि सियासत में स्मारक भी मैसेज होते हैं, और हर कार्यक्रम महज रस्म नहीं — रणनीति होती है।
Bigg Boss 19 के टॉप 5 कंटेस्टेंट्स और वाइल्ड कार्ड एंट्री का खुलासा